नई दिल्ली/मुंबई, 06 नवंबर (कृषि भूमि बिज़नेस डेस्क): भारत में सोने और चांदी के दामों में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और घरेलू मांग में सुस्ती के कारण कीमती धातुओं की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹1,21,620 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया है, जबकि 22 कैरेट सोना ₹1,11,490 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में भी 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,21,470 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।
मुख्य शहरों में आज के गोल्ड रेट (6 नवंबर 2025)
| शहर | 22 कैरेट सोना (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट सोना (₹/10 ग्राम) |
|---|---|---|
| दिल्ली | 1,11,490 | 1,21,620 |
| मुंबई | 1,11,340 | 1,21,470 |
| अहमदाबाद | 1,11,390 | 1,21,520 |
| चेन्नई | 1,11,340 | 1,21,470 |
| कोलकाता | 1,11,340 | 1,21,470 |
| हैदराबाद | 1,11,340 | 1,21,470 |
| जयपुर | 1,11,490 | 1,21,620 |
| भोपाल | 1,11,390 | 1,21,520 |
| लखनऊ | 1,11,490 | 1,21,620 |
| चंडीगढ़ | 1,11,490 | 1,21,620 |
सोने में गिरावट के प्रमुख कारण
1. डॉलर की मजबूती और वैश्विक निवेशक रुझान: अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 106 अंक के ऊपर पहुंच गया है। डॉलर के मजबूत होने से निवेशक सोने से निकलकर डॉलर परिसंपत्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। Livemint और Times of India के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों को ऊंचे स्तर पर बनाए रखने की उम्मीद से सोने की मांग कम हुई है।
2. अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और मुद्रास्फीति संकेतक: अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के चलते “नॉन-यील्डिंग एसेट” यानी सोने में निवेश आकर्षक नहीं रहा। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें दबाव में आई हैं।
3. रुपया बनाम डॉलर विनिमय दर: रुपया 83.25 प्रति डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा है। डॉलर की मजबूती से आयातित सोना महँगा होता है, जिससे घरेलू मांग धीमी पड़ती है। Upstox और GJC (Gem & Jewellery Council) के अनुसार, भारत का लगभग 86% सोना आयातित है — इसलिए मुद्रा उतार-चढ़ाव का सीधा असर बाजार पर पड़ता है।
4. त्योहारी और विवाह सीजन के बाद मांग में सुस्ती: दीवाली और धनतेरस के बाद आभूषण बाजार में खरीदारी धीमी पड़ी है। Business Standard की रिपोर्ट बताती है कि त्योहारों के बाद आमतौर पर मांग 10–15% घट जाती है, जिससे घरेलू कीमतों में हल्की गिरावट देखी जाती है।
5. केंद्रीय बैंकों की खरीद और वैश्विक आपूर्ति: पिछले वर्ष की तुलना में केंद्रीय बैंकों द्वारा सोना खरीदने की गति कुछ धीमी हुई है। World Gold Council (WGC) के अनुसार, 2024 की तुलना में 2025 की तीसरी तिमाही में सेंट्रल बैंकों की खरीद लगभग 7% कम रही। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव बढ़ा है।
गोल्ड आउटलुक: आगे क्या?
Goldman Sachs ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर 2026 तक सोना $4,900 प्रति औंस तक जा सकता है। वहीं, ANZ Bank का कहना है कि 2026 के मध्य तक कीमतें $4,600 प्रति औंस तक रहेंगी। हालाँकि, DSP Merrill Lynch का मानना है कि दीर्घकालिक दृष्टि से सोने की तेजी अभी खत्म नहीं हुई है क्योंकि केंद्रीय बैंक और उभरते बाजारों की मांग बनी रहेगी।
Silver Price Today: चांदी भी हुई सस्ती
6 नवंबर को चांदी की कीमत ₹1,50,400 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई है। इंदौर सराफा बाजार में एक दिन पहले ₹500 प्रति किलोग्राम की गिरावट हुई थी, औसत भाव ₹1,48,500 प्रति किलोग्राम रहा। चांदी की औद्योगिक मांग में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में धातु की कीमतों में नरमी इसके पीछे प्रमुख कारण हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल सोने और चांदी दोनों में यह गिरावट एक “Consolidation Phase” है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह गिरावट स्थायी नहीं है; डॉलर और बॉन्ड यील्ड के स्थिर होने के बाद सोने की कीमतों में फिर से सुधार देखने को मिल सकता है।
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