काली मिर्च की कीमतों में गिरावट जारी, आपूर्ति का दबाव; मजबूत निर्यात से वियतनाम बाजार में तेजी

कोच्चि/नई दिल्ली, 6 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): घरेलू मसाला बाजार में काली मिर्च (Black Pepper) की कीमतों में लगातार गिरावट का रुझान जारी है। पिछले दो हफ्तों में प्रमुख दक्षिण भारतीय मंडियों, खासकर कोच्चि, हसन और चिकमगलूर में काली मिर्च के भाव ₹520–₹525 प्रति किलोग्राम से गिरकर ₹505–₹510 प्रति किलोग्राम तक आ गए हैं।

व्यापार सूत्रों के अनुसार, आपूर्ति में बढ़ोतरी और स्टॉकिस्टों की बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है। वहीं, वैश्विक स्तर पर वियतनाम में मजबूत निर्यात मांग के कारण कीमतों में तेजी दर्ज की गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दामों में दो-तरफा रुझान देखने को मिल रहा है।

प्रमुख मंडियों में काली मिर्च की मौजूदा दरें (6 नवंबर 2025 तक)

बाजार / क्षेत्रऔसत भाव (₹/किग्रा)साप्ताहिक परिवर्तन (%)आपूर्ति स्थितिटिप्पणी
कोच्चि (केरल)₹508-2.5%आपूर्ति अधिकघरेलू मांग कमजोर
हसन (कर्नाटक)₹510-2.3%सामान्यखरीदी सीमित
चिकमगलूर₹505-2.7%आपूर्ति भारीस्टॉक सेलिंग जारी
वियतनाम FOB$4,450/टन+1.8%सीमितमजबूत निर्यात मांग

घरेलू आपूर्ति में बढ़ोतरी से दबाव

केरल और कर्नाटक के उत्पादक इलाकों में पिछले महीने मौसम सामान्य रहने से फसल की कटाई और ट्रांजिट आपूर्ति तेज़ हुई है। इसके कारण स्थानीय मंडियों में उपलब्धता बढ़ गई है। कोच्चि के एक ट्रेडर ने बताया, “कई ट्रेडर्स पिछले महीने ऊंचे दाम पर खरीदा हुआ स्टॉक निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर बिक्री का दबाव है।” इसके अलावा, उपभोक्ता उद्योगों (फूड प्रोसेसिंग और मसाला मिक्स) की ओर से फिलहाल नई खरीद सीमित है, क्योंकि त्योहारों के बाद खपत में हल्की सुस्ती आई है।

वियतनाम बाजार में निर्यात से तेजी
वहीं, दूसरी ओर वियतनाम, जो दुनिया का सबसे बड़ा काली मिर्च निर्यातक देश है, वहां कीमतों में हल्की तेजी दर्ज की गई है। Vietnam Pepper Association (VPA) के अनुसार, अक्टूबर–नवंबर में वियतनाम से लगभग 22,000 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। VPA रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य पूर्व, अमेरिका और यूरोप से मांग बढ़ी है। लॉजिस्टिक लागत में कमी और डॉलर की स्थिरता से निर्यातकों को लाभ मिल रहा है।

स्पाइस बोर्ड इंडिया के एक अधिकारी के अनुसार, “भारतीय बाजार में गिरावट अस्थायी है। जैसे-जैसे निर्यात मांग मजबूत होगी और घरेलू स्टॉक घटेगा, दिसंबर से कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है।”

वहीं, कुछ निजी विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर वियतनाम का निर्यात रुख इसी तरह मजबूत रहा तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम $4,600 प्रति टन तक पहुँच सकते हैं, जिससे भारत में भी ₹520–₹530 प्रति किग्रा तक की रिकवरी संभव है।

कुल मिलाकर, भारतीय काली मिर्च बाजार में फिलहाल आपूर्ति दबाव से कमजोरी बनी हुई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वियतनाम की निर्यात मांग ने वैश्विक कीमतों को सहारा दिया है। आने वाले कुछ हफ्तों में यदि घरेलू बिक्री दबाव कम हुआ और निर्यात ऑर्डर बढ़े, तो भारतीय बाजार में कीमतों में स्थिरीकरण या मामूली सुधार देखने को मिल सकता है।

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