मुंबई, 04 नवंबर (कृषि भूमि बिज़नेस डेस्क): भारतीय ट्रैक्टर बाजार ने सितंबर से शुरू हुई तेजी को अक्टूबर 2025 में भी जारी रखा। फेस्टिव सीजन की मजबूत मांग, जलाशयों में पर्याप्त जलस्तर और सरकार की अनुकूल नीतियों ने बाजार की गति को बनाए रखा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और अच्छी खरीफ फसल के अनुमानों ने किसानों की क्रयशक्ति को बढ़ाया, जिससे ट्रैक्टर बिक्री में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला।

अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा (फार्म इक्विपमेंट बिज़नेस) ने उद्योग में अपनी बढ़त को और मजबूत किया। कंपनी की घरेलू बिक्री अक्टूबर 2025 में 72,071 यूनिट रही, जो अक्टूबर 2024 की 64,326 यूनिट की तुलना में 12% अधिक है। वहीं निर्यात में भी 41% की बढ़त दर्ज की गई और यह आंकड़ा 1,589 यूनिट तक पहुंच गया। कुल मिलाकर कंपनी की घरेलू और निर्यात बिक्री मिलाकर 73,660 यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 13% की वृद्धि दर्शाती है।

कंपनी के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस के प्रेसिडेंट विजय नाकरा ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर 2025 को मिलाकर फेस्टिव सीजन के दौरान बिक्री में 27.4% की ग्रोथ दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि “अच्छे मॉनसून, सरकार द्वारा घोषित GST दर में कटौती और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग ने इस मजबूत प्रदर्शन को गति दी है। रबी सीजन की समय पर शुरुआत से आने वाले महीनों में बिक्री और बढ़ने की संभावना है।”

दूसरी ओर, एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने भी अक्टूबर 2025 में बिक्री में वृद्धि दर्ज की। कंपनी की कुल ट्रैक्टर बिक्री 18,798 यूनिट रही, जो पिछले वर्ष के 18,110 यूनिट से 3.8% अधिक है। घरेलू बिक्री में 3.3% की बढ़त के साथ 18,423 यूनिट की बिक्री हुई, जबकि निर्यात में 38.4% की छलांग लगाते हुए बिक्री 375 यूनिट तक पहुंच गई। कंपनी ने बताया कि फेस्टिव डिमांड, GST दरों में कमी और कृषि क्षेत्र के अनुकूल परिस्थितियों ने बाजार को समर्थन दिया।

हालांकि उद्योग को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। उत्तर और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में लंबे समय तक हुई बारिश से तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा और बुवाई में देरी हुई। इसके बावजूद कंपनियां रबी सीजन में मजबूत मांग की उम्मीद कर रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि फेस्टिव डिमांड, बेहतर जलस्तर और सरकारी समर्थन नीतियों का संयुक्त प्रभाव आने वाले महीनों में ट्रैक्टर बिक्री को मजबूती देगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थायित्व आएगा और किसानों की क्रयशक्ति में निरंतर सुधार देखने को मिलेगा।

भारतीय ट्रैक्टर उद्योग के लिए यह निरंतर वृद्धि न केवल बाजार की मजबूती को दर्शाती है बल्कि यह भी संकेत देती है कि कृषि और ग्रामीण भारत में निवेश और विकास की गति आगे भी बरकरार रहने की संभावना है।

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