हरियाणा सरकार का मधुमक्खी पालकों को बड़ा तोहफा: शहद को भावांतर भरपाई योजना में किया शामिल

कुरुक्षेत्र, 19अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मधुमक्खी पालन को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक घोषणा की है। अब शहद को भी “भावांतर भरपाई योजना” (BBY) के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे शहद उत्पादकों को उचित और स्थिर मूल्य मिल सकेगा। यह फैसला किसानों और मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि के लिए एक प्रभावशाली पहल माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री सैनी ने यह घोषणा कुरुक्षेत्र के रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला के दौरान की। उन्होंने कहा कि रामनगर स्थित एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र (IBDC) को जल्द ही शहद की गुणवत्ता परीक्षण, भंडारण और बिक्री की उन्नत सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार 20 करोड़ रुपये की लागत से एक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला भी स्थापित करेगी। उन्होंने बताया कि इज़राइल के सहयोग से रामनगर स्थित संस्थान को राष्ट्रीय स्तर के मधुमक्खी पालन अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मधुमक्खी पालन के दोहरे लाभ को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल किसानों को अतिरिक्त आमदनी देता है, बल्कि परागण के माध्यम से फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मीठी क्रांति’ को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मधुमक्खी पालन नीति–2021 के तहत वर्ष 2030 तक 7,750 मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षित करने और 15,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक रामनगर केंद्र के माध्यम से 74,000 मधुमक्खी बक्से और 3.43 लाख कॉम्ब शीट वितरित की जा चुकी हैं। शहद प्रसंस्करण और पैकेजिंग की सुविधाएँ भी इस केंद्र पर उपलब्ध हैं। किसानों को मधुमक्खी के बक्सों, कॉलोनियों और उपकरणों पर 85% तक की सब्सिडी भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री सैनी ने विविधीकरण के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियाँ आज ग्रामीण समृद्धि के प्रमुख स्तंभ बन रही हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में हरियाणा में बागवानी 1.17 लाख एकड़ क्षेत्र में होती थी, जो अब बढ़कर 2.60 लाख एकड़ तक पहुँच चुकी है। उन्होंने कहा कि एफपीओ, उत्कृष्टता केंद्रों, खरीद योजनाओं और अब भावांतर योजना जैसे कदमों के ज़रिए किसान लगातार मज़बूत हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने युवाओं और महिला उद्यमियों को अपने स्वयं के शहद ब्रांड शुरू करने और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन न्यूनतम भूमि में भी किया जा सकता है और यह आज के दौर में एक आदर्श स्टार्टअप अवसर बन चुका है। सरकार इसमें पूर्ण वित्तीय और तकनीकी सहायता देगी।

इस पहल का समर्थन करते हुए हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने ज़ोर दिया कि फसलों के साथ-साथ डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों को भी सशक्त बनाया जा रहा है ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिल सके।

यह घोषणा राज्य के मधुमक्खी पालकों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है, जिससे न केवल स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था में भी मधुमक्खी पालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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