लखनऊ, 8 दिसंबर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सौर ऊर्जा पहलों के परिणामस्वरूप अब उत्तर प्रदेश के हर गाँव तक बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित हो गई है, जिससे राज्य का ऊर्जा परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है।
सौर क्रांति की मुख्य उपलब्धियाँ
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सौर ऊर्जा नीति और केंद्र की पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से ये रिकॉर्ड स्थापित किए हैं:
1 GW क्षमता पार: राज्य ने हाल ही में 1 गीगावाट (GW) से अधिक की स्थापित सौर क्षमता को पार कर लिया है, जो स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रूफटॉप सौर संयंत्र: पिछले कुछ महीनों में 2,81,769 से अधिक रूफटॉप सौर संयंत्र (Rooftop Solar Plants) स्थापित किए गए हैं। इस अभूतपूर्व गति के कारण, उत्तर प्रदेश अब देश में सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में शीर्ष राज्यों में से एक बन गया है।
ऊर्जा सुरक्षा: इस क्रांति ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को रोशन किया है, बल्कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत किया है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हुई है।
गाँवों और नागरिकों पर सीधा प्रभाव
सौर ऊर्जा को हर घर तक पहुंचाने की इस पहल का सीधा और सकारात्मक प्रभाव लाखों परिवारों पर पड़ा है।
बिजली बिल में बचत: इस योजना के तहत सौर पैनल लगाने वाले 2.85 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में भारी कमी का लाभ मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को कृषि के लिए राहत मिली है, जबकि शहरी क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों को नया जीवन मिला है।
रोजगार सृजन: सौर ऊर्जा क्रांति केवल बिजली तक सीमित नहीं है, इसने रोजगार के विशाल अवसर भी पैदा किए हैं। राज्य में 54,000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है।
पर्यावरण लाभ: सौर संयंत्रों से प्रतिदिन 40 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह स्वच्छ ऊर्जा लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद कर रही है, जो लाखों पेड़ लगाने के बराबर पर्यावरणीय लाभ प्रदान करती है।
भविष्य की योजना और ‘सौर शहर’
योगी सरकार ने भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी खाका तैयार किया है। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 का लक्ष्य 2026-27 तक 22,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करना है।
राज्य सरकार ने धार्मिक नगरी अयोध्या को एक मॉडल सोलर सिटी (Model Solar City) के रूप में विकसित करने की पहल की है, जिसके बाद राज्य के 16 अन्य नगर निगम शहरों को भी सौर शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। यह संतुलित विकास मॉडल पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को प्राथमिकता देता है, जिससे उत्तर प्रदेश एक आत्मनिर्भर और ऊर्जा-समृद्ध राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
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