गर्म हो रहा है एशिया भारत पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर

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भारत इस समय मौसम में आए बदलाव का सबसे ज्याद खामियाजा भुगत रहा है। तापमान वृद्धि से हिमालय पर भी बुरा असर पड़ा है। ग्लेशियर पिघल रहें हैं। तापमान वृद्धि से कई राज्यों के हालात बिगड़ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा परिणाम मानव सृष्टि पर हो रहा है। पिछले साल मौसम में आये बदलाव ने सैकड़ों लोगों की जान ली। एक्सपर्ट्स की माने तो ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बुरा असर एशियन कंट्रीज पर पड़ रह है। हालात बद से बदत्तर होंगे। तापमान वृद्धि का दौर आगे भी जारी रहेगा।

WMO ने जारी की रिपोर्ट 

जलवायु परिवर्तन की इन चुनाैतियों को लेकर वर्ल्‍ड मैट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) भी चिंतित है। जिसने साल 2023 में हुए मौसम जनित घटनाओं पर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार लू से भारत में साल 2023 में 110 मौतें हुई। दुनिया के सभी महाद्वीपों में से एशिया पर ही जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर पड़ा है।

एशिया अधिक गर्म हो रहा है

WMO की रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से एशिया अधिक गर्म हो रहा है। साल 2023 में एशिया का सतही वार्षिक औसत तापमान रिकॉर्ड पर दूसरा सबसे अधिक दर्ज किया गया है। साल 2023 में विशेष रूप से उच्च औसत तापमान पश्चिमी साइबेरिया से मध्य एशिया और पूर्वी चीन से जापान तक दर्ज किया गया। जापान और कजाकिस्तान में रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई। रिपोर्ट कहती है कि 1961-1990 की अवधि के बाद से एशिया के तापमान वृद्धि की प्रवृत्ति लगभग दोगुनी हो गई है।

पिघल रहें हैं ग्लेशियर 

WMO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाई-माउंटेन एशिया क्षेत्र तिब्बती पठार पर केंद्रित उच्च-ऊंचाई वाला क्षेत्र है। इसके ग्‍लेशियर लगभग 10 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करते हैं, लेकिन बीते कुछ दशकों में इस क्षेत्र के अधिकांश ग्‍लेशियर सिकुड़ रहे हैं। मसलन, एशिया क्षेत्र के 22 ग्‍लेशियरों में से 20 ग्‍लेशियरों में बड़े पैमाने पर नुकसान देखा गया है। वहीं तापमान में बढ़ाेतरी और सूखे जैसे हालातों ने अधिकांश ग्‍लेशियरों नुकसान पहुंचाया है।

कहीं बारिश तो कहीं सूखे के हालात 

WMO की रिपोर्ट कहती है कि साल 2023 में तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, हिंदू कुश (अफगानिस्तान, पाकिस्तान), हिमालय क्षेत्र में गंगा के आसपास और ब्रह्मपुत्र नदियों के निचले हिस्से (भारत और बांग्लादेश), अराकान पर्वत (म्यांमार) और मेकांग नदी से लगे निचले क्षेत्र में सामान्‍य से कम बारिश दर्ज की गई। तो वहीं दक्षिण-पश्चिम चीन को सूखे का सामना करना पड़ा।

एशिया में जल-मौसम संबंधी घटनाओं से जुड़ी 79 आपदाएं दर्ज 

WMO की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में, उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड पर सबसे अधिक था। यहां तक कि आर्कटिक महासागर को भी समुद्री लू का सामना करना पड़ा। वहीं WMO अपनी रिपोर्ट में इमरजेंसी इवेंट डेटाबेस के हवाला से कहता है कि साल 2023 में एशिया में जल-मौसम संबंधी खतरे की घटनाओं से जुड़ी कुल 79 आपदाएं दर्ज की गईं। इनमें से 80% से अधिक बाढ़ और तूफान की घटनाओं से संबंधित थे, जिनमें 2,000 से अधिक मौतें हुईं और नौ मिलियन लोग सीधे प्रभावित हुए।

2023 में, पश्चिमी उत्तरी प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर के ऊपर कुल 17 चक्रवात बने। हालांकि यह औसत से कम था, लेकिन इस वजह से चीन, जापान, फिलीपींस और कोरिया गणराज्य सहित देशों में अभी भी बड़े प्रभाव और रिकॉर्ड-तोड़ बारिश हुई।

बाढ़ और तूफान से भारत, पाकिस्तान और नेपाल में 600 से अधिक मौतें

जून, जुलाई और अगस्त में बाढ़ और तूफान की घटनाओं की वजह से भारत, पाकिस्तान और नेपाल में 600 से अधिक मौतें हुईं. सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई. अगस्त और सितंबर की शुरुआत में, रूसी संघ के सुदूर पूर्वी हिस्से में हाल के दशकों में सबसे बड़ी आपदाओं में से एक में विनाशकारी बाढ़ आई, जिससे लगभग 40,000 हेक्टेयर ग्रामीण भूमि प्रभावित हुई.

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