Paddy Crop: पंजाब के खेतों में धान की फसल पर संकट: ‘ड्वार्फ वायरस’ से किसानों की चिंता गहराई

Paddy Crop

पटियाला : पंजाब के कई इलाकों में धान की फसल (Paddy Crop) पर एक नई बीमारी का साया मंडरा रहा है। प्रदेश में  Southern Rice Black-Streaked Dwarf Virus (SRBSDV) नामक वायरस के संक्रमण ने किसानों की नींद उड़ा दी है। राज्य के रोपड़, पटियाला, मोहाली और आसपास के इलाकों में 300 एकड़ से अधिक रकबा इसकी चपेट में आ चुका है।

बीमारी के लक्षण और नुकसान

प्रभावित पौधों में पत्तियाँ छोटी और पीली हो जाती हैं, पौधे की ऊँचाई घटती है, और बालियाँ विकसित नहीं हो पातीं, जिससे सीधे उपज में भारी गिरावट आती है। कई किसानों को अपनी पूरी फसल फिर से बोनी पड़ रही है, जिससे प्रति एकड़ ₹10,000–₹15,000 तक का अतिरिक्त खर्च आ रहा है।

कृषि वैज्ञानिकों की चेतावनी

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) ने खेतों में सर्वेक्षण कर पुष्टि की है कि यह बीमारी वायरस जनित है, जिसका वाहक मुख्य रूप से सफेद पीठ वाला तेला (White Backed Plant Hopper) है। यह कीट तेज़ी से वायरस को एक खेत से दूसरे खेत में फैला सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस सामान्य कीटनाशकों से नियंत्रित नहीं होता। इसकी रोकथाम के लिए समन्वित कीट प्रबंधन (IPM) रणनीति आवश्यक है, जिसमें रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन, फसल चक्र परिवर्तन और शुरुआती निगरानी शामिल है।

राज्य कृषि विभाग ने मामले को गंभीर मानते हुए प्रभावित इलाकों में फील्ड स्टाफ, KVK वैज्ञानिकों और कीट विशेषज्ञों की संयुक्त टीमें भेजी हैं। किसानों को सही दवा और रोग पहचान की जानकारी दी जा रही है। हालांकि, अब तक किसी तरह की मुआवज़े या बीमा सहायता की घोषणा नहीं हुई है।

क्या करना चाहिए किसानों को?

– प्रारंभिक लक्षण दिखते ही संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें

– खेत में जल-जमाव न होने दें

– तैलों की निगरानी करें और केवल अनुशंसित जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें

– नजदीकी KVK या कृषि अधिकारी से तत्काल संपर्क करें

नीति-स्तर पर जरूरी हस्तक्षेप

यह बीमारी सिर्फ एक मौसमी आपदा नहीं, बल्कि पंजाब की धान-आधारित कृषि प्रणाली के सामने एक नवीन जैविक खतरे का संकेत है। राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर बीमारी की निगरानी प्रणाली को मजबूत करने, फसल बीमा योजना में वायरस जनित रोगों को शामिल करने, और दीर्घकालिक रोग प्रतिरोधी किस्मों पर शोध बढ़ाने की आवश्यकता है।

हमारे साथ जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें : https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची