मुंबई, 20 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा (Marathwada) और विदर्भ (Vidarbh) क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Rainfall) ने खरीफ़ सीज़न (Kharif Season) की फसलों को जबरदस्त नुकसान पहुँचाया है। राज्य कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, राज्य के 17 ज़िलों में 5.5 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। इस नुकसान में सोयाबीन और कपास की फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
इस गंभीर स्थिति पर मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मुंबई में आयोजित कैबिनेट बैठक में चर्चा की गई। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “राज्य के कुछ हिस्सों में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से न केवल फसलों को, बल्कि पशुधन और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुँचा है। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) के नियमों के अनुसार पीड़ित किसानों को मुआवज़ा दें।”
राज्य कृषि विभाग के निदेशक रफ़ीक नाइकवाड़ी ने बताया कि नांदेड़ जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहाँ अकेले 2,59,789 हेक्टेयर भूमि पर फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। इसके अलावा, हिंगोली में 56,806 हेक्टेयर, परभणी में 21,092 हेक्टेयर, और धाराशिव में 15,326 हेक्टेयर भूमि पर भी गंभीर क्षति दर्ज की गई है। अन्य जिलों जैसे बीड, लातूर और छत्रपति संभाजीनगर में भी हजारों हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुँचा है।
जलगाँव जिले में, शुक्रवार और शनिवार को हुई तेज़ बारिश के चलते 12,326 हेक्टेयर में खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं। जिले के 269 गाँवों के 15,695 किसान इससे प्रभावित हुए हैं। जलगाँव में मक्का (5,172 हेक्टेयर), कपास (4,995 हेक्टेयर) और सोयाबीन (869 हेक्टेयर) को प्रमुख क्षति पहुँची है। साथ ही, ज्वार, बाजरा, उड़द और मूंग जैसी अन्य फसलें भी प्रभावित हुई हैं।
विपक्ष ने सरकार पर मुआवज़े में देरी और पंचनामा प्रक्रिया को धीमा रखने का आरोप लगाया है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण फील्ड निरीक्षण में बाधाएँ आ रही हैं और कई स्थानों तक पहुँचना कठिन हो रहा है।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंत्रालय स्थित राज्य आपातकालीन नियंत्रण कक्ष (Emergency Control Room) का दौरा किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर ज़रूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित किसानों को राहत पहुँचाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
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