मुंबई, 13 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत के आर्थिक विकास और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को एक नई दिशा देने के लिए हर साल आयोजित होने वाला इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) एक बार फिर तैयार है। नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान (Pragati Maidan) में 14 नवंबर से शुरू होने वाला यह 44वां व्यापार मेला (Trade Fair) न सिर्फ खरीदारी के अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति और विविधता का शानदार प्रदर्शन भी करता है। यह विशाल आयोजन देश के एमएसएमई (MSME) सेक्टर से लेकर बड़े कॉर्पोरेट्स और वैश्विक कंपनियों तक, सभी के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। इसे व्यापार और संस्कृति के महाकुंभ के रूप में देखा जाता है।
आत्मनिर्भर भारत थीम और राज्यों की सशक्त भागीदारी:
ट्रेड फेयर की थीम हर साल भारत सरकार की प्रमुख नीतियों पर आधारित होती है। इस वर्ष का इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर विशेष रूप से “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” की भावना को प्रदर्शित करेगा। यह थीम घरेलू उत्पादों (Domestic Products) और स्थानीय कारीगरों (Domestic Craftsmen) को वैश्विक मंच प्रदान करने पर ज़ोर देती है। सरकार का उद्देश्य है कि भारत न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा करे, बल्कि वैश्विक बाजार में भी एक मजबूत निर्यातक बनकर उभरे।
IITF में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी होती है। हर राज्य अपने विशेष हस्तशिल्प (Handicraft), खाद्य उत्पाद, पर्यटन और औद्योगिक क्षमताओं का प्रदर्शन करता है। यह एक ऐसा मंच है जहां जम्मू और कश्मीर की केसर से लेकर दक्षिण भारत की सिल्क साड़ियों तक, उत्तर-पूर्व के बांस के उत्पादों से लेकर महाराष्ट्र के ट्रेड एंड कॉमर्स के उत्पादों तक, पूरे देश की कला और वाणिज्य एक जगह सिमट जाता है। राज्यों की यह सक्रिय भागीदारी सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) को भी मजबूत करती है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केंद्र और निर्यात के अवसर:
इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का नाम ‘अंतर्राष्ट्रीय’ है, जो इसकी वैश्विक पहुंच को दर्शाता है। विभिन्न देश भी इसमें भाग लेते हैं, जिससे यह बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मीटिंग्स और निर्यात (Export) के अवसरों का एक प्रमुख केंद्र बन जाता है। विदेशी प्रतिनिधिमंडल (Foreign Delegations) भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी (Partnership) की तलाश में आते हैं, जिससे देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
यह आयोजन आयात-निर्यात (Aayaat-Niryaat) को सुविधाजनक बनाने वाला एक प्रमुख प्लेटफॉर्म है, जो भारतीय बाजार को दुनिया के सामने रखता है। विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) की कंपनियों के लिए, यह अपनी क्षमताओं को वैश्विक खरीदारों के सामने प्रदर्शित करने का एक स्वर्णिम अवसर होता है। वैश्विक व्यापार के विस्तार में दिल्ली ट्रेड फेयर की भूमिका निर्णायक है।
निवेश, एमएसएमई और रोजगार सृजन:
यह व्यापार मेला केवल खरीदारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक विकास का इंजन भी है। एमएसएमई (MSME) सेक्टर के लिए, यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां वे अपने नवाचारों (Innovations) को सीधे संभावित निवेशकों (Investers) और थोक खरीदारों (Wholesale Buyers) के सामने पेश कर सकते हैं।
- छोटे व्यवसायों को बढ़ावा: लाखों छोटे व्यापारी यहां से थोक ऑर्डर (Wholesale Order) प्राप्त करते हैं, जिससे उनके व्यवसाय का विस्तार होता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
- तकनीकी प्रदर्शन: विभिन्न पवेलियन में नई तकनीक (Technology) और डिजिटल समाधान (Digital Solutions) प्रदर्शित किए जाते हैं, जो उद्योग को आधुनिक बनाने में मदद करते हैं।
- पर्यटन को बढ़ावा: यह ट्रेड फेयर दिल्ली पर्यटन को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि लाखों लोग देश और विदेश से इसे देखने के लिए आते हैं, जिससे स्थानीय होटल व्यवसाय और परिवहन क्षेत्र को भी लाभ होता है। यह रोजगार सृजन (Job Creation) में अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आगंतुकों के लिए अनुभव और आकर्षण:
प्रगति मैदान दिल्ली में लगने वाले इस व्यापार मेला में संस्कृति, कला, भोजन और कॉमर्स का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह आमतौर पर पहले कुछ दिन बिजनेस विजिटर्स (Business Visitors) के लिए आरक्षित होता है, और उसके बाद आम जनता (Common People) के लिए खुलता है। विभिन्न राज्यों के फ़ूड स्टॉल्स (Food Stalls) आगंतुकों को भारतीय व्यंजनों की विविधता का स्वाद लेने का मौका देते हैं। IITF हर साल की तरह इस बार भी देश की आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनेगा। भारतीय उत्पाद खरीदने और देश की आत्मनिर्भरता को समर्थन देने के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
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