यूपी के किसानों को फसल बुवाई के लिए फ्री में मिलेगी ट्रेनिंग

हर फसल की बुवाई का तरीका अलग होता है। बुवाई करते समय मानकों का ध्यान रखते हुए बुवाई करने से फसल की पैदावार अच्छी होती है। लेकिन अक्सर कुछ किसान जानकारी के अभाव में गलत तरीके से फसल की बुवाई करते हैं। ऐसे में उत्पादन क्षमता पर असर पड़ता है और इनकम भी घटती है।

गर्मी के सीजन में अक्सर खेती के ऐसी फसल का चुनाव करें जिसमे लागत भी कम हो और फसल भी जल्दी तैयार हो जाए। किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए बागपत के कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को खेती के लिए ट्रेनिंग दे रहा है।

गरमा मूंग या मौसमी सब्जियों की खेती करें

रबी फसल की कटाई शुरू हो गई है। ऐसे में किसान अपने खाली पड़े खेतों का उपयोग करें। गरमा मूंग या मौसमी सब्जियों की खेती करें। इसके साथ ही पटुवा की खेती भी कर सकते हैं। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा।

किसान अपनी खेती में मूंग ऊगा सकता है। मूंग दलहनी फसल है, जो बेहद उपयोगी होती है। यह सुपाच्य होती है और प्रोटीन से भरपूर भी। इसका प्रयोग सभी वर्ग के लोग बेफिक्र होकर कर सकते हैं। जब इसका उत्पादन ले लें, तो इसे हरे चारे के रूप में मवेशी पालकों को बेचा भी जा सकता है। 60 से 80 दिन में इसकी फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है।

कृषि विज्ञान केंद्र पर निशुल्क प्रशिक्षण 

अगर किसी भी किसान को किसी भी तरह की फसल बुवाई से संबंधित समस्या आती है, तो वह कृषि विज्ञान केंद्र पर पहुंचकर निशुल्क प्रशिक्षण ले सकता है। वहीं कृषि वैज्ञानिकों के नंबर पर भी फोन कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र की टीम किसान के खेत में जाकर भी किसान को प्रशिक्षण देती है, जिससे किसानों की आय बढ़ती है और किसान की फसल की निकासी भी बहुत अच्छी होती है।

निशुल्क होगी मिट्टी की जांच 

किसान अपनी मिट्टी की जांच भी कृषि विज्ञान केंद्र पर निशुल्क कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की कृषि संबंधित सलाह के लिए वह निशुल्क फोन पर संपर्क कर और कृषि विज्ञान केंद्र में आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से किसानों को अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, जिनसे किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

 

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