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मुंबई, 08 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए ₹31,628 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक राहत पैकेज का ऐलान किया है। यह अब तक का राज्य का सबसे बड़ा वित्तीय सहायता पैकेज बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि इस वर्ष 29 जिले, 253 तहसीलें और 2059 मंडल अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं। इन सभी क्षेत्रों में किसानों को बिना किसी शर्त के  ‘नुकसान भरपाई’ दी जाएगी — अब 65 मिमी बारिश की शर्त भी नहीं रखी जाएगी।

किसानों के लिए राहत राशि का विवरण

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि प्रभावित किसानों को खेती के प्रकार के अनुसार निम्नलिखित मदद दी जाएगी:

  • रेनफेड खेती: ₹18,500 प्रति हेक्टेयर
  • मौसमी बागवानी: ₹27,000 प्रति हेक्टेयर
  • बागवानी : ₹32,500 प्रति हेक्टेयर

यह सहायता दिवाली से पहले किसानों के खातों में जमा कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा विमाधारक और गैर-विमाधारक दोनों तरह के किसानों को सहायता दी जाएगी

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि अतिवृष्टि से फसलों, पशुओं, दुकानों और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। इसके तहत सरकार ने कई विशेष प्रावधान किए हैं:

  • घर के नुकसान पर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सहायता, साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में घरों के लिए ₹10,000 अतिरिक्त सहायता
  • दुकानदारों के लिए: ₹50,000 मुआवजा
  • मृत पशुओं के लिए: प्रति पशु ₹37,500 (तीन पशुओं की शर्त नहीं)
  • मुर्गी पालन: ₹100 प्रति मुर्गी
  • खरड (कटाव) गई भूमि के लिए: ₹47,000 प्रति हेक्टेयर सीधी मदद + ₹3 लाख मनरेगा से
  • बाधित विहीर (कुओं) के लिए: ₹30,000 प्रति विहीर
  • मत्स्य पालन और नौका नुकसान: ₹100 करोड़ का अलग प्रावधान

प्रशासनिक प्रक्रिया होगी सरल

सरकार ने स्पष्ट किया कि किसानों को कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा नहीं करने होंगे। सहायता का वितरण एग्रीस्टैक पोर्टल के डेटा के आधार पर किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

साथ ही पुनर्निर्माण और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए ₹10,000 करोड़ का प्रावधान रखा गया है, जबकि जिल्हा नियोजन निधि से ₹1,500 करोड़ तात्कालिक राहत के लिए आवंटित किए गए हैं।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा,
“सरकार अन्नदाता बलिराजा के साथ मजबूती से खड़ी है। सरकार ने भारी बारिश से तबाह हुए किसानों की मदद के लिए सभी शर्तें दरकिनार करते हुए सहायता देने का फैसला किया है।”

उन्होंने बताया कि 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि को नुकसान पहुंचा है और क्षतिग्रस्त भूमि के लिए 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथा 3 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता दी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस बार एनडीआरएफ के दो हेक्टेयर सीमा नियम को शिथिल कर दिया गया है। अब किसानों को तीन हेक्टेयर तक राहत मिलेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई भी  किसान इस मदद से वंचित नहीं रहेगा।

सामाजिक और शैक्षणिक सहायता

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता निधि में भी बड़ी मात्रा में दान और CSR फंड से सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि “ बाढ़ में जिन छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज या सामग्री नष्ट हुई है, उनके शिक्षा में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।”

अन्य प्रमुख प्रावधान

  • मृतकों के परिवारों को: ₹4 लाख प्रति परिवार
  • जख्मी व्यक्तियों को: ₹74,000 से ₹2.5 लाख तक
  • घरेलू सामान/कपड़ों के नुकसान पर: ₹5,000 प्रति परिवार
  • झोपड़ी नुकसान पर: ₹8,000
  • पक्के घर (डोंगरी क्षेत्रों में): ₹1.20 लाख
  • कच्चे घर (डोंगरी क्षेत्रों में): ₹1.30 लाख

 राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सूखा पड़ने पर जो रियायत दी जाती है उसे भी लागू किया जायेगा —

  • जमीन महसूल में छूट
  • फसल ऋण पुनर्गठन
  • कर्ज वसूली स्थगित
  • परीक्षा शुल्क माफी
  • रोहयो (मनरेगा) कार्यों में छूट
  • कृषि पंपों की बिजली कटौती पर रोक

यह ₹31,628 करोड़ रुपये का राहत पैकेज महाराष्ट्र सरकार की अब तक की सबसे बड़ी किसान सहायता योजना है। इसका उद्देश्य बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को आर्थिक रूप से संबल देना और उन्हें आगामी रबी सीजन में पुनः खेती शुरू करने के लिए तैयार करना है।

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